♻Topic: शिर्क बड़ा गुनाह है
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अल्लाह कुरआन में फरमाता हैं:-
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۞" बेशक अल्लाह उस जुर्म को तो अलबत्ता नहीं माफ़ करता कि उसके साथ शिर्क किया जाए, हॉ उसके सिवा जो गुनाह हो जिसको चाहे माफ़ कर दे और जिसने (किसी को) अल्लाह का शरीक बनाया तो उसने बड़े गुनाह का तूफान बॉधा"
✨An-Nisaa (4:48)
۞" और (उस दिन को याद करो) जिस दिन हम उन सबको जमा करेंगे फिर जिन लोगों ने शिर्क किया उनसे पूछेगें कि जिनको तुम (ख़ुदा का) शरीक ख्याल करते थे कहाँ हैं"
✨Al-An'aam (6:22)
۞" जिन लोगों ने ईमान क़ुबूल किया और अपने ईमान को ज़ुल्म (शिर्क) से आलूदा नहीं किया उन्हीं लोगों के लिए अमन (व इतमिनान) है और यही लोग हिदायत याफ़ता हैं"
✨Al-An'aam (6:82)
۞" (देखो) ये अल्लाह की हिदायत है अपने बन्दों से जिसको चाहे उसी की वजह से राह पर लाए और अगर उन लोगों ने शिर्क किया होता तो उनका किया (धरा) सब अकारत हो जाता"
✨Al-An'aam (6:88)
۞ "और (वह वक्त याद करो) जब लुक़मान ने अपने बेटे से उसकी नसीहत करते हुए कहा ऐ बेटा (ख़बरदार कभी किसी को) ख़ुदा का शरीक न बनाना (क्योंकि) शिर्क यक़ीनी बड़ा सख्त गुनाह है"
✨Luqman (31:13)
۞ "और (ऐ रसूल सलल्लाहो अल्लैहि व सल्लम) तुम्हारी तरफ और उन (पैग़म्बरों) की तरफ जो तुमसे पहले हो चुके हैं यक़ीनन ये वही(अल्लाह का सन्देश) भेजी जा चुकी है कि अगर (कहीं) शिर्क किया तो यक़ीनन तुम्हारे सारे अमल अकारत हो जाएँगे और तुम तो ज़रूर घाटे में आ जाओगे"
✨Az-Zumar (39:65)
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